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मंगलवार, 13 सितंबर 2011

"उत्तर आओ ज्ञान बढ़ाएँ-पहेली:99" (श्रीमती अमर भारती)


भाग लेना न भूलिए!

अमर भारती साप्ताहिक पहेली-100

18 सितम्बर को प्रकाशित होगी!
जिसका उत्तर प्रकाशित करने में
हमारी टीम को 15 दिनों का समय लग जाएगा!
जिसमें आद्योपान्त लेखा-जोखा निकाल कर ही
परिणाम दिये जाएँगे।
पहेली नं. 100 का सही उत्तर देने वालों को
ब्लॉगश्री की मानद उपाधि से
अलंकृत किया जाएगा!

अमर भारती साप्ताहिक पहेली-99

का सही उत्तर है!

"पमार" का पौधा है यह तो,
कुछ जगह इसको "पमाड़" भी बोला जाता है!
सबसे पहेली का पहले सही उत्तर दिया,
अतः आज की पहेली के विजेता रही!
My Photo
ये विजेता नं.-2 रहे!
आपके प्रतिभाग करने के लिए आभार!
निम्न प्रमाणपत्र
श्रीमती विद्या, चेन्नई की सम्पत्ति है

सभी प्रतिभागियों के उत्तर निम्नवत् रहे!
दर्शन लाल बवेजा ११ सितम्बर २०११ ८:१७ पूर्वाह्न
मेथी
vidhya ११ सितम्बर २०११ ८:२६ पूर्वाह्न
"पमार" का पौधा है यह!
कुछ जगह पमाड़ भी बोला जाता है इसको
दर्शन लाल बवेजा ११ सितम्बर २०११ ८:३४ पूर्वाह्न
यह Chakramarda का पौधा है यह वार्षिक उगने वाली खरपतवार है Biological Name: Cassia tora
Other Names: Jue ming zi, Prapanna, Cassia, Takara, chakramarda, cassia seed, chakunda
दर्शन लाल बवेजा ११ सितम्बर २०११ ८:४४ पूर्वाह्न
ये तो बहुत ही कामन वीड है जगह जगह बिखरी उगी पड़ी है इसकी सही जानकारी मिली आज
धन्यवाद
Udan Tashtari ११ सितम्बर २०११ ९:१६ पूर्वाह्न
मेथी ही लगता है.....मेथी!!
गजेन्द्र सिंह ११ सितम्बर २०११ १२:४९ अपराह्न
शास्त्री जी,
हमारे यहा तो इस पेड़ को "पमहाड़" के नाम से जाना जाता है .... आपके यहा पता नहीं किस नाम से जानते है
इसका कोई इस्तेमाल नहीं होता , न तो ओसे पशुओ को खिलाया जाता है और न ही इसकी फलियो का कोई इस्तेमाल होता है
शायद कोई जड़ी बूटी हो तो इसके बारे मे हमे नहीं पता
वन्दना ११ सितम्बर २०११ ४:१८ अपराह्न
methi kah rahe hain to methi hi hoga hamein to pata nahi.
mridula pradhan ११ सितम्बर २०११ ५:३१ अपराह्न
'gwaar ki fali'.
mridula pradhan ११ सितम्बर २०११ ५:३४ अपराह्न
'gwaar ki fali'.
SANSKRITJAGAT ११ सितम्बर २०११ ९:३१ अपराह्न

मूँगफली का पौधा है श्रीमन्‍त ।हमारे घर पर इनकी खेती पहले होती थी ।इनके फल भी सितम्‍बर के आस पास ही आते हैं ।
हमारे तरफ इनकी आज भी पर्याप्‍त मात्रा में खेती की जाती है ।
रहस्‍योद्घाटक ११ सितम्बर २०११ ९:४६ अपराह्न
hamare taraf aisi ek ghas hoti hai jise chakvad kahte hainiski pattiyan aur phool dono hi usse milte hain
mujhe to ye chakvad hi lag raha hai
रजनी मल्होत्रा नैय्यर १२ सितम्बर २०११ ७:१२ पूर्वाह्न
चकवड़ का पौधा है ये .....
anil १२ सितम्बर २०११ १०:३६ पूर्वाह्न
yeh maithi ka paudha hai
आशा १३ सितम्बर २०११ ६:५३ पूर्वाह्न
यह एक मेथी के सामान दिखने वाली पत्तियों वाला पौधा है

इसका नाम है 'लचका 'यह दीखता तो
माथी जैसा है पर स्वाद में कड़वा होता है |
आशा
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर" Dr.Rajendra Tela,Nirantar" १३ सितम्बर २०११ ९:५१ पूर्वाह्न
चकवड़ को पवाड़, पवाँर, जकवड़ आदि नामों से पुकारा जाता है।
संस्कृत- चक्रमर्द। हिन्दी-पवाड़, पवाँर, चकवड़। मराठी- टाकला। गुजराती- कुवाड़ियों। बंगला- चाकुन्दा। तेलुगू- तागरिस। तामिल- तगरे। मलयालम- तगर। फरसी- संग सबोया। इंगलिश- ओवल लीव्ड केशिया। लैटिन- केशिया टोरा।
वर्षा ऋतु की पहली फुहार पड़ते ही इसके पौधे खुद उग आते हैं और गर्मी के दिनों में जो-जो जगह सूखकर खाली हो जाती है, वह घास और पवाड़ के पौधे से भरकर हरी-भरी हो जाती है। इसके पत्ते अठन्नी के आकार के और तीन जोड़े वाले होते हैं।इसकी फलियाँ पतली व गोल होती हैं। यह खाँसी के लिए बहुत गुणकारी होता है, इसलिए इसे कासमर्द यानी कास (खाँसी) का शत्रु कहा गया है।
आशा १३ सितम्बर २०११ ११:२६ पूर्वाह्न
यह पूआड़या है इसका उपयोग बजन घटाने के लिए और बादी कम करने के लिए किया जाता है |यह नाम मालवा मैं प्रचलित है|
आशा

3 टिप्‍पणियां:

Nirantar ने कहा…

आपकी जानकारी के लिए चवद को पमाड भी कहा जाता है,सही जानकारी हेतु लिंक भेज रहा हूँ
http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9A%E0%A4%95%E0%A4%B5%E0%A4%A1%E0%A4%BC

विकिपीडिया:Devanagari Help
देवनागरी में लिखने के लिए सहायता
(अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
आप भी विकिपीडिया में सम्पादन कर योगदान दे सकते है लीजिये विकि स्वशिक्षा
चकवड़
Wiki letter w.svg यह लेख एक आधार है। इसे बढ़ाकर आप विकिपीडिया की सहायता कर सकते हैं।
चकवड़ या चक्रमर्द के पौधे

चकवड़ को पवाड़, पवाँर, जकवड़ आदि नामों से पुकारा जाता है।

भाषा भेद से नाम भेद

संस्कृत- चक्रमर्द। हिन्दी-पवाड़, पवाँर, चकवड़। मराठी- टाकला। गुजराती- कुवाड़ियों। बंगला- चाकुन्दा। तेलुगू- तागरिस। तामिल- तगरे। मलयालम- तगर। फरसी- संग सबोया। इंगलिश- ओवल लीव्ड केशिया। लैटिन- केशिया टोरा।

वर्षा ऋतु की पहली फुहार पड़ते ही इसके पौधे खुद उग आते हैं और गर्मी के दिनों में जो-जो जगह सूखकर खाली हो जाती है, वह घास और पवाड़ के पौधे से भरकर हरी-भरी हो जाती है। इसके पत्ते अठन्नी के आकार के और तीन जोड़े वाले होते हैं।

वर्षाकाल में पवाड़ का पौधा अपने आप सब तरफ पैदा हो जाता है। यह दो प्रकार का होता है- चक्र मर्द और कासमर्द। त्वचा पर दाद गोलाकार में होती है अतः दाद को अंग्रेजी में रिंग वार्म कहते हैं। चक्र मर्द नाम का पौधा दाद के गोल-गोल घेरे (चक्र) को नष्ट करता है, इसीलिए इसे संस्कृत में चक्र मर्द यानी चक्र नष्ट करने वाला कहा गया है।

चक्रमर्द शब्द का अपभ्रंश नाम ही चकवड़ हो गया। इसके पत्ते मैथी के पत्तों जैसे होते हैं। इसी से मिलता-जुलता एक पौधा और होता है, जिसे कासमर्द या कसौंदी कहते हैं। यह पौधा चक्र मर्द से थोड़ा छोटा होता है और इसकी फलियाँ पतली व गोल होती हैं। यह खाँसी के लिए बहुत गुणकारी होता है, इसलिए इसे कासमर्द यानी कास (खाँसी) का शत्रु कहा गया है।
[संपादित करें] बाहरी कड़ियाँ

पंवाड़
पवाड़ : एक उपयोगी वनस्पति (वेबदुनिया)
Cassia Seed page from ENaturalHealthCenter.com site
Photos from Missouriplants.com site

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अन्तिम परिवर्तन 10:46, 5 जून 2011।
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vidhya ने कहा…

अमर भारती पहेली की संचालिका श्रीमती अमर भारती और आयोजक डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" का आभार व्यक्त करती हूँ!

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

विजेताओं को बहुत बहुत बधाई

चुराइए मत! अनुमति लेकर छापिए!!

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